बहुत दिन हो गए Bahut din ho gaye lyrics

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बिना गुरु भक्ति के उद्धार हो ही नहीं सकता।
Bahut din ho gaye lyrics in Hindi

Jaigurudev Bhajan | बहुत दिन हो गए दर्शन मिले

बहुत दिन हो गए दर्शन मिले स्वामी चले आओ ।
ध्यान में अब मेरे आकर दरश अपना दिखा जाओ।१।

दयालु हमको रह रहकर तुम्हारी याद आती है ।
मगर नयनों से क्यो हो दूर स्वामी पास आ जाओ ।२।

तुम्हारे नाम की माला मेरा मन रोज जपता है ।
ना तड़पाओ मेरे प्यारे गुनाहे माफ़ फ़रमाओ ।३।

तुम्हें कैसे रिझाऊँ मैं करम का बोझ लादे हूँ ।
विरह की आग जलती है इसे आकर बुझा जाओ ।४।

महा आनन्द सागर से भरी वो आपकी आंखें ।
किधर बरसा वो करती हैं इधर बरसात कर जाओ।५।

Jaigurudev Bhajan | Bahut din ho gaye lyrics

Bahut din ho gaye darshan mile swami chale aao .
dhyaan mein ab mere aakar darash apana dikha jao.1.

Dayaalu humko rah rahkar tumhaari yaad aati hai .
magar nayanon se kyo ho door swami paas aa jao .2.

Tumhaare naam ki maala mera man roj japata hai .
na tadapao mere pyaare gunaahe maaf faramao .3.

Tumhen kaise rijhaoon main karam ka bojh laade hoon .
virah ki aag jalati hai ise aakar bujha jao .4.

Maha aanand saagar se bhari vo aapaki aankhen .
kidhar barasa vo karti hain idhar barasaat kar jao.5.

बाबा जयगुरुदेव का संक्षिप्त परिचय | Baba Jaigurudev, Ujjain

Jaigurudev Bhajan

बाबा जयगुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध संत स्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ था। बाबा जयगुरुदेव सात साल की उम्र में सत्य की खोज में निकल पड़े। 

कई वर्षों तक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में सच्चे गुरु, भगवांन की खोज करते हुए अलीगढ़ के चिरौली गांव (इगलास तहसील) पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात संत घूरेलाल जी शर्मा (दादा गुरु) से हुई और उन्होंने जीवन भर के लिए उन्हें अपना गुरु मान लिया।

सभी शाकाहारी जीवन अपनाएं यही बाबा जय गुरुदेव की अपील है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, जीवों की हत्या बंद हो और लोग शाकाहारी बने, इन सब सन्देश को देश के कोने कोने तक पहुँचाया गया।

बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया। उनके जाने के बाद, बाबा उमाकांत जी महाराज(Umakant Ji Maharaj) आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बने और जयगुरुदेव मिशन को आगे ले जा रहे हैं।

* जयगुरुदेव *

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