Jaigurudev Bhajan | गुरु दरिया में नहाना, मन कहीं और न जाना
गुरु दरिया में नहाना, मन कहीं और न जाना।।
गुरु दरिया का सदा जल निर्मल,
बैठत उपजत ज्ञाना, मन कहीं और न जाना।।
गुरु चरणों में कोटिन तीरथ,
गावत वेद पुराणा, मन कहीं और न जाना।।
ऋषि मुनि और पीर औलिया
यह सब भरम भुलाना,
मन कहीं और न जाना।।
गुरु दरिया में पलटू नहाए,
छूट गया सब आना जाना,
मन कहीं और न जाना।।
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
यही है मूल ठिकाना,
मन कहीं और न जाना।।
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Jaigurudev Bhajan | Guru Dariya Mein Nahana lyrics in English
Guru dariya mein nahaana, man kaheen aur na jaana..
Guru dariya ka sada jal nirmal,
Baithat upajat gyaana, man kaheen aur na jaana..
Guru charanon mein kotin teerath,
Gaavat ved puraana, man kaheen aur na jaana..
Rshi muni aur peer auliya
Yah sab bharam bhulaana,
Man kaheen aur na jaana..
Guru dariya mein palatoo nahae,
Chhoot gaya sab aana jaana,
Man kaheen aur na jaana..
Kahat kabeer suno bhaee saadho,
Yahee hai mool thikaana,
Man kaheen aur na jaana..
*Guru Dariya Mein Nahana ENDs*
बाबा जयगुरुदेव का संक्षिप्त परिचय | Baba Jaigurudev, Ujjain
बाबा जयगुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध संत स्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ था। बाबा जयगुरुदेव सात साल की उम्र में सत्य की खोज में निकल पड़े। कई वर्षों तक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में सच्चे गुरु, भगवांन की खोज करते हुए अलीगढ़ के चिरौली गांव (इगलास तहसील) पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात संत घूरेलाल जी शर्मा (दादा गुरु) से हुई और उन्होंने जीवन भर के लिए उन्हें अपना गुरु मान लिया।
सभी शाकाहारी जीवन अपनाएं यही बाबा जय गुरुदेव की अपील है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, जीवों की हत्या बंद हो और लोग शाकाहारी बने, इन सब सन्देश को देश के कोने कोने तक पहुँचाया गया।
बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया। उनके जाने के बाद, बाबा उमाकांत जी महाराज आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बने और जयगुरुदेव मिशन को आगे ले जा रहे हैं।
* जयगुरुदेव *
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