विनय करूं मैं Vinay Karun Main Lyrics

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जयगुरुदेव नाम प्रभु का मुसीबत में हमेशा मददगार है।

Vinay Karun Main Dau Kar Jore

जयगुरुदेव आरती : विनय करूं मैं दोऊ कर जोरे (Vinay Karun Main lyrics in Hindi)

विनय करूं मैं दोऊ कर जोरे, सतगुरु द्वार तुम्हारे।

बिन घृत दीप आरती साजूं, दोऊ अंखियन मझधारे।।

भाव सहित नित बैठी झरोखे, जोहत प्रियतम प्यारे।।

पग ध्वनि सुनहुं श्रवण हिय अपने, मन के काज बिसारे।

जागी सुरत पियत चरणामृत, पियत पियत हुई न्यारे।।

घंटा, शंख, मृदंग, सारंगी, बंशी बीन सुना रे।

जयगुरुदेव आरती करती, गावत जय जय कारे।।

विनय करूं मैं दोऊ कर जोरे, सतगुरु द्वार तुम्हारे।।

Jaigurudev Aarti : Vinay Karun Main lyrics in English

Vinay karoon main dau kar jore, sataguru dvaar tumhaare.

Bin ghrt deep aaratee saajoon, dau ankhiyan majhadhaare..

Bhaav sahit nit baithee jharokhe, johat priyatam pyaare..

Pag dhvani sunahun shravan hiy apne, mann ke kaaj bisaare.

Jaagee surat piyat charanaamrt, piyat piyat huee nyaare..

Ghanta, shankh, mrdang, saarangee, banshee been suna re.

Jaigurudev aarti karati, gaavat jai jai kaare..

Vinay karoon main dau kar jore, sataguru dvaar tumhaare..

बाबा जयगुरुदेव का संक्षिप्त परिचय | Baba Jaigurudev, Ujjain

Jaigurudev Bhajan

बाबा जयगुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध संत स्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ था। बाबा जयगुरुदेव सात साल की उम्र में सत्य की खोज में निकल पड़े। कई वर्षों तक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में सच्चे गुरु, भगवांन की खोज करते हुए अलीगढ़ के चिरौली गांव (इगलास तहसील) पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात संत घूरेलाल जी शर्मा (दादा गुरु) से हुई और उन्होंने जीवन भर के लिए उन्हें अपना गुरु मान लिया।

दुनिया भर को शाकाहारी जीवन जीने का संदेश देने वाले बाबा जय गुरुदेव जीवन भर समाजसेवा में लगे रहे। उन्होंने ग़रीब तबके के लिए निशुल्क शिक्षण संस्थाएं व अस्पताल शुरू किए। बाबा ने अपने जीवनकाल में निशुल्क शिक्षा-चिकित्सा, दहेज रहित सामूहिक विवाह, आध्यात्मिक साधना, मद्यपान निषेध, शाकाहारी भोजन तथा वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया। 

सभी शाकाहारी जीवन अपनाएं यही बाबा जय गुरुदेव की अपील है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, जीवों की हत्या बंद हो और लोग शाकाहारी बने, इन सब सन्देश को देश के कोने कोने तक पहुँचाया गया।

बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया। उनके जाने के बाद, बाबा उमाकांत जी महाराज (Umakant Ji Maharaj) आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बने और जयगुरुदेव मिशन को आगे ले जा रहे हैं।

* जयगुरुदेव *

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