गुरुदेव दया इतनी Jaigurudev daya itni kar do lyrics

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 ‘ शंका पर विश्वास नहीं समाधान करना चाहिए ‘

jaigurudev Bhajan | Jaigurudev daya itni kar do lyrics

Jaigurudev Bhajan | गुरुदेव दया इतनी कर दो Jaigurudev daya itni kar do lyrics

गुरुदेव दया इतनी कर दो, हम को भी तुम्हारा प्यार मिले।
कुछ और भले ही मिले न मिले, गुरु दर्शन का अधिकार मिले ।।

इस जीवन में जीना मुश्किल, यह जीवन भी क्या जीवन है।
जीवन तब जीवन बनता है, जब जीवन का आधार मिले।

इस मारग पर चलते चलते, सदियां ही नही युग बीत गए ।
मिल जाये पथिक मारग असली, हमको मुक्ति दातार मिले ||

हम जनम जनम के प्यासे हैं, गुरु तुम करुणा के सागर हो ।
करुणा निधि के करुणा रस की, इक बूंद हमे इस बार मिले ।।

सब कुछ पाया इस जीवन में, बस एक तमन्ना बाकी है।
हर प्रेम पुजारी को अपने, मन मन्दिर में दातार मिले ।।

कब से गुरु दर्शन पाने की, हम आस लगाये बैठे हैं।
पल दो पल भीतर आने की अनुमति अनुपम सरकार मिले । ।

जिसने जो कुछ तुमसे माँगा, उसने है वही तुमसे पाया ।
दुनिया को मिले दुनिया लेकिन, हमको तो तेरा दरबार मिले।।

Jaigurudev Bhajan | Jaigurudev daya itni kar do lyrics

gurudev dayaa itanii kar do, ham ko bhii tumhaaraa pyaar mile.
kuchh owr bhale hii mile n mile, guru darshan kaa adhikaar mile ..

is jiivan men jiinaa mushkil, yah jiivan bhii kyaa jiivan hai.
jiivan tab jiivan banataa hai, jab jiivan kaa aadhaar mile..

is maarag par chalate chalate, sadiyaan hii nahii yug biit gae .
mil jaaye pathik maarag asalii, hamako mukti daataar mile ..

ham janam janam ke pyaase hain, guru tum karuṇaa ke saagar ho .
karuṇaa nidhi ke karuṇaa ras kii, ik buund hame is baar mile ..

sab kuchh paayaa is jiivan men, bas ek tamannaa baakii hai.
har prem pujaarii ko apane, man mandir men daataar mile ..

kab se guru darshan paane kii, ham aas lagaaye baiṭhe hain.
pal do pal bhiitar aane kii anumati anupam sarakaar mile . .

jisane jo kuchh tumase maangaa, usane hai vahii tumase paayaa .
duniyaa ko mile duniyaa lekin, hamako to teraa darabaar mile..

बाबा जयगुरुदेव का संक्षिप्त परिचय | Baba Jaigurudev, Ujjain

Jaigurudev Bhajan

बाबा जयगुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध संत स्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ था। बाबा जयगुरुदेव सात साल की उम्र में सत्य की खोज में निकल पड़े। 

कई वर्षों तक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में सच्चे गुरु, भगवांन की खोज करते हुए अलीगढ़ के चिरौली गांव (इगलास तहसील) पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात संत घूरेलाल जी शर्मा (दादा गुरु) से हुई और उन्होंने जीवन भर के लिए उन्हें अपना गुरु मान लिया।

बाबा जय गुरुदेव आजादी से पहले वे अलीगढ़ में अपने गुरु घूरेलाल शर्मा से दीक्षा लेने के बाद वे पहली बार 10 जुलाई 1952 को वाराणसी में प्रवचन देने के लिए समाज के सामने उपस्थित हुए। अपने गुरु से दीक्षा प्राप्त करने बाद, बाबा जयगुरुदेव करीब आधे दशक तक प्रवचन के माध्यम से लोगों को सत्य की राह पर चलने के लिए जगाये। 

दुनिया भर को शाकाहारी जीवन जीने का संदेश देने वाले बाबा जय गुरुदेव जीवन भर समाजसेवा में लगे रहे। उन्होंने ग़रीब तबके के लिए निशुल्क शिक्षण संस्थाएं व अस्पताल शुरू किए। 

बाबा ने अपने जीवनकाल में निशुल्क शिक्षा-चिकित्सा, दहेज रहित सामूहिक विवाह, आध्यात्मिक साधना, मद्यपान निषेध, शाकाहारी भोजन तथा वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया। 

सभी शाकाहारी जीवन अपनाएं यही बाबा जय गुरुदेव की अपील है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, जीवों की हत्या बंद हो और लोग शाकाहारी बने, इन सब सन्देश को देश के कोने कोने तक पहुँचाया गया।

बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया। उनके जाने के बाद, बाबा उमाकांत जी महाराज आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बने और जयगुरुदेव मिशन को आगे ले जा रहे हैं।

बाबा उमाकांत जी महाराज (Umakant Ji Maharaj) उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गाँव के नशामुक्त, शाकाहारी परिवार में जन्म हुआ। बाल्यावस्था से ही आध्यात्मिक रुचि के कारण पढ़ाई पूर्ण होते ही सन् 1973 में खिंचकर बाबा जयगुरुदेव के पास पहुँचे। नामदान (दीक्षा) लिया और बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आदेशानुसार सेवा, भजन कार्य में लग गए। 

परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने सभी धर्मो से हाथ जोड़कर विनती प्रार्थना और अपील की है की आप सब लोग शाकाहारी हो जाये !

* जयगुरुदेव *

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