जयगुरुदेव ध्वजा लहरायें Jaigurudev Mukti Divas Prarthna

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आध्यात्मिकता की बैल बढ़ाओ, भारत को विश्व गुरु बनाओ।
Jaigurudev Mukti Divas Prarthna Lyrics in Hindi

मुक्ति दिवस प्रार्थना : जयगुरुदेव ध्वजा लहरायें

जयगुरुदेव ध्वजा लहरायें, मानव जीवन सफल बनायें।

सत्य अमृत रस झरने वाला, भक्ति भावना भरने वाला।
दुनिया का तम हरने वाला, देशों देश विचरने वाला।
शान्ति ध्वज नभ में फहरायें, मानव जीवन सफल बनायें।।

शील क्षमा संतोष लिए हैं, सर्व शांति का ध्येय लिये हैं।
अजब रंग अनुराग हृदय में, प्रेम सुधा रस पेय लिये है।
सबको सत्य मार्ग दिखलाये, मानव जीवन सफल बनाये।।

एक रंग की ध्वजा है प्यारे, तीन रंग से है यह न्यारे।
अरब खरब शशि भानु व तारे, ध्वज के मध्य प्रकाशित सारे।
पल-पल नभ आनंद बढ़ाये, मानव जीवन सफल बनाये।।

ध्वजा के नीचे जो कोई आवे, जन्म मरण उसका छूट जावे।
जीवन का वांछित फल पाकर, अन्त समय प्रभु में मिल जावे।
सब को सरल मुक्ति बतलाये, मानव जीवन सफल बनाये।।

विधि हरिहर ने उसे उठाया, व्यास वशिष्ठ आदि मन भाया।
राम कृष्ण सब गाते आये, संतो ने गूण तत्व बताया।
सबके घर -घर यह फहराये, मानव जीवन सफल बनाये।।

सतयुग सत्य ध्वजा लहराया, त्रेता द्वापर में फहराया।
कलयुग जयगुरुदेव ध्वजा ले, सब जीवों को पार लगावें।
प्रेमी सभी मिलकर गायें, मानव जीवन सफल बनाये।।

जो कोई इसका गुण गावे, सत्य ध्वजा पर बलि बलि जावे।
धर्म ध्वजा अपनी महिमा से, जीवों को निज घर पहुंचावे।
जग सारा गुण गौरव गावे, मानव जीवन सफल बनाये।।

जयगुरुदेव दया करो मेरे, दुख हर्ता मैं शरण में तेरे।
पांचो दूत भूत अस लिपटे, ममता मोह विविध विधि घेरे।
सबको नाथ प्रभु पार लगाये, मानव जीवन सफल बनाये।।

Jaigurudev Mukti Divas Prarthna lyrics in English

Jaigurudev dhvaja laharaayen, maanav jeevan saphal banaayen.

Saty amrt ras jharane vaala, bhakti bhaavana bharane vaala.
Duniya ka tam harane vaala, deshon desh vicharane vaala.
Shaanti dhvaj nabh mein phaharaayen, maanav jeevan saphal banaayen..

Sheel kshama santosh lie hain, sarv shaanti ka dhyey liye hain.
Ajab rang anuraag hrday mein, prem sudha ras pey liye hai.
Sabko saty maarg dikhalaaye, maanav jeevan saphal banaaye..

Ek rang kee dhvaja hai pyaare, teen rang se hai yah nyaare.
Arab kharab shashi bhaanu va taare, dhvaj ke madhy prakaashit saare.
Pal-pal nabh aanand badhaaye, maanav jeevan saphal banaaye..

Dhvaja ke neeche jo koee aave, janm maran usaka chhoot jaave.
Jeevan ka vaanchhit phal paakar, ant samay prabhu mein mil jaave.
Sab ko saral mukti batalaaye, maanav jeevan saphal banaaye..

Vidhi harihar ne use uthaaya, vyaas vashishth aadi man bhaaya.
Raam krshn sab gaate aaye, santo ne goon tatv bataaya.
Sabake ghar -ghar yah phaharaaye, maanav jeevan saphal banaaye..

Satayug saty dhvaja laharaaya, treta dvaapar mein phaharaaya.
Kalayug jaigurudev dhvaja le, sab jeevon ko paar lagaaven.
Premee sabhee milakar gaayen, maanav jeevan saphal banaaye..

Jo koee isaka gun gaave, saty dhvaja par bali bali jaave.
Dharm dhvaja apanee mahima se, jeevon ko nij ghar pahunchaave.
Jag saara gun gaurav gaave, maanav jeevan saphal banaaye..

Jaigurudev daya karo mere, dukh harta main sharan mein tere.
Paancho doot bhoot as lipate, mamata moh vividh vidhi ghere.
Sabko naath prabhu paar lagaaye, maanav jeevan saphal banaaye..

* Jaigurudev Mukti Divas Prarthna ENDs *

बाबा जयगुरुदेव का संक्षिप्त परिचय | Baba Jaigurudev, Ujjain

Jaigurudev Bhajan

बाबा जयगुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध संत स्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ था। बाबा जयगुरुदेव सात साल की उम्र में सत्य की खोज में निकल पड़े। कई वर्षों तक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में सच्चे गुरु, भगवांन की खोज करते हुए अलीगढ़ के चिरौली गांव (इगलास तहसील) पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात संत घूरेलाल जी शर्मा (दादा गुरु) से हुई और उन्होंने जीवन भर के लिए उन्हें अपना गुरु मान लिया।

दुनिया भर को शाकाहारी जीवन जीने का संदेश देने वाले बाबा जय गुरुदेव जीवन भर समाजसेवा में लगे रहे। उन्होंने ग़रीब तबके के लिए निशुल्क शिक्षण संस्थाएं व अस्पताल शुरू किए। बाबा ने अपने जीवनकाल में निशुल्क शिक्षा-चिकित्सा, दहेज रहित सामूहिक विवाह, आध्यात्मिक साधना, मद्यपान निषेध, शाकाहारी भोजन तथा वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया। 

सभी शाकाहारी जीवन अपनाएं यही बाबा जय गुरुदेव की अपील है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, जीवों की हत्या बंद हो और लोग शाकाहारी बने, इन सब सन्देश को देश के कोने कोने तक पहुँचाया गया।

बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया। उनके जाने के बाद, बाबा उमाकांत जी महाराज आध्यात्मिक उत्तराधिकारी(Umakant Ji Maharaj) बने और जयगुरुदेव मिशन को आगे ले जा रहे हैं।

* जयगुरुदेव *

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