क्षमा याचना : कोटि कोटि करुं वंदना (Koti Koti Karun Vandana lyrics in Hindi)
कोटि कोटि करुं वंदना, अरब खरब प्रणाम,
चरण कमल बिसरूं नहीं , जयगुरुदेव अनाम।
बार बार कर जोड़कर, सविनय करुं पुकार।
साध संग मोहि देव नित, परम गुरु दातार।।
तुम्हरी आज्ञा में चलूं, तुम में हो विश्वास।
तुम्हे छोड़ नही और की, कभी करूं मैं आस।।
मैं अपराधी जनम-जनम का, नख-शिख भरा विकार।
तुम दाता दुख भंजना, मेरी करो संभाल।।
हमने अपने आप की, सोंप दई जीवन डोर।
मर्जी है गुरु आपकी, ले जाओ जिस ओर।।
मेरे स्वामी आप हो, मैं हूँ आपका दास।
चरणों में रखना मुझे, यही मेरी अरदास।।
दाता सबके एक ही, सदा रहे गुरुदेव,
तुमको लाख प्रणाम है, स्वामी जयगुरुदेव ।।
Jaigurudev Bhajan | Koti Koti Karun Vandana lyrics in English
Koti koti karun vandana, arab kharab pranaam,
Charan kamal bisaroon nahin , jayagurudev anaam.
Baar baar kar jodakar, savinay karun pukaar.
Saadh sang mohi dev nit, param guru daataar..
Tumharee aagya mein chaloon, tum mein ho vishvaas.
Tumhe chhod nahee aur kee, kabhee karoon main aas..
Main aparaadhee janam-janam ka, nakh-shikh bhara vikaar.
Tum daata dukh bhanjana, meree karo sambhaal..
Hamane apane aap kee, somp daee jeevan dor.
Marjee hai guru aapakee, le jao jis or..
Mere svaamee aap ho, main hoon aapaka daas.
Charanon mein rakhana mujhe, yahee meree aradaas..
Daata sabake ek hee, sada rahe gurudev,
Tumako laakh pranaam hai, svaamee jayagurudev ..
बाबा जयगुरुदेव का संक्षिप्त परिचय | Baba Jaigurudev, Ujjain
बाबा जयगुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध संत स्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ था। बाबा जयगुरुदेव सात साल की उम्र में सत्य की खोज में निकल पड़े।
कई वर्षों तक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में सच्चे गुरु, भगवांन की खोज करते हुए अलीगढ़ के चिरौली गांव (इगलास तहसील) पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात संत घूरेलाल जी शर्मा (दादा गुरु) से हुई और उन्होंने जीवन भर के लिए उन्हें अपना गुरु मान लिया।
बाबा जय गुरुदेव आजादी से पहले वे अलीगढ़ में अपने गुरु घूरेलाल शर्मा से दीक्षा लेने के बाद वे पहली बार 10 जुलाई 1952 को वाराणसी में प्रवचन देने के लिए समाज के सामने उपस्थित हुए। अपने गुरु से दीक्षा प्राप्त करने बाद, बाबा जयगुरुदेव करीब आधे दशक तक प्रवचन के माध्यम से लोगों को सत्य की राह पर चलने के लिए जगाये।
दुनिया भर को शाकाहारी जीवन जीने का संदेश देने वाले बाबा जय गुरुदेव जीवन भर समाजसेवा में लगे रहे। उन्होंने ग़रीब तबके के लिए निशुल्क शिक्षण संस्थाएं व अस्पताल शुरू किए।
बाबा ने अपने जीवनकाल में निशुल्क शिक्षा-चिकित्सा, दहेज रहित सामूहिक विवाह, आध्यात्मिक साधना, मद्यपान निषेध, शाकाहारी भोजन तथा वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया।
सभी शाकाहारी जीवन अपनाएं यही बाबा जय गुरुदेव की अपील है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, जीवों की हत्या बंद हो और लोग शाकाहारी बने, इन सब सन्देश को देश के कोने कोने तक पहुँचाया गया।
बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया। उनके जाने के बाद, बाबा उमाकांत जी महाराज आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बने और जयगुरुदेव मिशन को आगे ले जा रहे हैं।
बाबा उमाकांत जी महाराज (Umakant Ji Maharaj) उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गाँव के नशामुक्त, शाकाहारी परिवार में जन्म हुआ। बाल्यावस्था से ही आध्यात्मिक रुचि के कारण पढ़ाई पूर्ण होते ही सन् 1973 में खिंचकर बाबा जयगुरुदेव के पास पहुँचे। नामदान (दीक्षा) लिया और बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आदेशानुसार सेवा, भजन कार्य में लग गए।
परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने सभी धर्मो से हाथ जोड़कर विनती प्रार्थना और अपील की है की आप सब लोग शाकाहारी हो जाये !
* जयगुरुदेव *
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