आत्मा परमात्मा में लीन करो, मनुष्य जनम सफल करो।
Nij charanon ka darash lyrics in Hindi
Jaigurudev Bhajan | निज चरणों का दरश करा दो गुरु
निज चरणों का दरश करा दो गुरु,
मुझे प्रेम दीवानी बना दो गुरु ।।१।।
जगत जाल से दूर हटाकर,
मुझे शीशे मे रूप दिखा दो गुरु।।२।।
कुल कुटुम्ब से दूर हटाकर,
मुझे सहस कंवल दिखला दो गुरु।।३।।
घण्टा शंख सुनाकर मुझको,
त्रिकुटी धाम बता दो गुरु ।।४।।
गगन शिखर का दरश कराकर,
मुझे दशवाँ द्वार लखा दो गुरु ।।५।।
मान सरोवर कर्म धुला कर,
मुझे हँस स्वरूप बना दो गुरु।।६।।
महा सुन्न होय भँवर गुफा में,
मेरे काल के जाल तुड़ा दो गुरु।।७।।
सत्पुरुष, सतलोक दिखाकर,
मुझे वीन की तान सुना दो गुरु।।८।।
अलख अगम का भेद बताकर,
मुझे जयगुरुदेव गोद बिठा दो गुरु।।९।।
Jaigurudev Bhajan | Nij charanon ka darash lyrics
Nij charanon ka darash kara do guru,
mujhe prem deewaani bana do guru ..1..
Jagat jaal se door hataakar,
mujhe sheeshe me roop dikha do guru..2..
Kul kutumb se door hataakar,
mujhe sahas kanval dikhala do guru..3..
Ghanta shankh sunaakar mujhako,
trikutee dhaam bata do guru ..4..
Gagan shikhar ka darash karaakar,
mujhe dashavaan dvaar lakha do guru ..5..
Maan sarovar karm dhula kar,
mujhe hans svaroop bana do guru..6..
Maha sunn hoy bhanvar gupha mein,
mere kaal ke jaal tuda do guru..7..
Satpurush, satalok dikhaakar,
mujhe veen ki taan suna do guru..8..
Alakh agam ka bhed bataakar,
mujhe jaigurudev god bitha do guru..9..
बाबा जयगुरुदेव का संक्षिप्त परिचय | Baba Jaigurudev, Ujjain
बाबा जयगुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध संत स्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ था। बाबा जयगुरुदेव सात साल की उम्र में सत्य की खोज में निकल पड़े।
कई वर्षों तक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में सच्चे गुरु, भगवांन की खोज करते हुए अलीगढ़ के चिरौली गांव (इगलास तहसील) पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात संत घूरेलाल जी शर्मा (दादा गुरु) से हुई और उन्होंने जीवन भर के लिए उन्हें अपना गुरु मान लिया।
बाबा जय गुरुदेव आजादी से पहले वे अलीगढ़ में अपने गुरु घूरेलाल शर्मा से दीक्षा लेने के बाद वे पहली बार 10 जुलाई 1952 को वाराणसी में प्रवचन देने के लिए समाज के सामने उपस्थित हुए। अपने गुरु से दीक्षा प्राप्त करने बाद, बाबा जयगुरुदेव करीब आधे दशक तक प्रवचन के माध्यम से लोगों को सत्य की राह पर चलने के लिए जगाये।
दुनिया भर को शाकाहारी जीवन जीने का संदेश देने वाले बाबा जय गुरुदेव जीवन भर समाजसेवा में लगे रहे। उन्होंने ग़रीब तबके के लिए निशुल्क शिक्षण संस्थाएं व अस्पताल शुरू किए। बाबा ने अपने जीवनकाल में निशुल्क शिक्षा-चिकित्सा, दहेज रहित सामूहिक विवाह, आध्यात्मिक साधना, मद्यपान निषेध, शाकाहारी भोजन तथा वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया।
सभी शाकाहारी जीवन अपनाएं यही बाबा जय गुरुदेव की अपील है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, जीवों की हत्या बंद हो और लोग शाकाहारी बने, इन सब सन्देश को देश के कोने कोने तक पहुँचाया गया।
बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया। उनके जाने के बाद, बाबा उमाकांत जी महाराज आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बने और जयगुरुदेव मिशन को आगे ले जा रहे हैं।
बाबा उमाकांत जी महाराज (Umakant Ji Maharaj) उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गाँव के नशामुक्त, शाकाहारी परिवार में जन्म हुआ। बाल्यावस्था से ही आध्यात्मिक रुचि के कारण पढ़ाई पूर्ण होते ही सन् 1973 में खिंचकर बाबा जयगुरुदेव के पास पहुँचे। नामदान (दीक्षा) लिया और बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आदेशानुसार सेवा, भजन कार्य में लग गए।
परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने सभी धर्मो से हाथ जोड़कर विनती प्रार्थना और अपील की है की आप सब लोग शाकाहारी हो जाये !
* जयगुरुदेव *
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