
पवित्र मन दुनिया का सबसे उत्तम तीर्थ है।
Sataguru bahiyaan pakado mori Lyrics in Hindi
Jaigurudev Bhajan | सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी
सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी…२
डूबत हं मैं भव धारा में, फेंको भक्ति की डोरी।
सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।
मैं दुर्बल अति हार गया हूँ, जग से नाता तोड़ी।
सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।
भक्ति भाव प्रार्थना भूला सब, पूजा न जानूँ तोरी।
सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।
अति अभिमानी अधम धीन हूं, करत रहत नित चोरी।
सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।
काम क्रोध मद लोभ सभी हैं, खींचत अपनी ओरी।
सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।
भव में नही है साथी मेरा, दूजा तुमको छोड़ी।
सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।
Jaigurudev Bhajan | Sataguru Bahiyaan Pakado Mori lyrics
Sataguru bahiyaan pakado mori…2
Doobat han main bhav dhaara mein, phenko bhakti ki dori.
sataguru bahiyaan pakado mori..
Main durbal ati haar gaya hoon, jag se naata todi.
sataguru bahiyaan pakado mori..
Bhakti bhaav praarthana bhoola sab, pooja na jaanoon tori.
sataguru bahiyaan pakado mori..
Ati abhimaani adham dhin hoon, karat rahat nit chori.
sataguru bahiyaan pakado mori..
Kaam krodh mad lobh sabhi hain, khinchat apani ori.
sataguru bahiyaan pakado mori..
Bhav mein nahi hai saathi mera, dooja tumako chhodi.
sataguru bahiyaan pakado mori..
बाबा जयगुरुदेव का संक्षिप्त परिचय | Baba Jaigurudev, Ujjain

बाबा जयगुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध संत स्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ था। बाबा जयगुरुदेव सात साल की उम्र में सत्य की खोज में निकल पड़े।
कई वर्षों तक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में सच्चे गुरु, भगवांन की खोज करते हुए अलीगढ़ के चिरौली गांव (इगलास तहसील) पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात संत घूरेलाल जी शर्मा (दादा गुरु) से हुई और उन्होंने जीवन भर के लिए उन्हें अपना गुरु मान लिया।
दुनिया भर को शाकाहारी जीवन जीने का संदेश देने वाले बाबा जय गुरुदेव जीवन भर समाजसेवा में लगे रहे। उन्होंने ग़रीब तबके के लिए निशुल्क शिक्षण संस्थाएं व अस्पताल शुरू किए। बाबा ने अपने जीवनकाल में निशुल्क शिक्षा-चिकित्सा, दहेज रहित सामूहिक विवाह, आध्यात्मिक साधना, मद्यपान निषेध, शाकाहारी भोजन तथा वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया।
सभी शाकाहारी जीवन अपनाएं यही बाबा जय गुरुदेव की अपील है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, जीवों की हत्या बंद हो और लोग शाकाहारी बने, इन सब सन्देश को देश के कोने कोने तक पहुँचाया गया।
बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया। उनके जाने के बाद, बाबा उमाकांत जी महाराज आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बने और जयगुरुदेव मिशन को आगे ले जा रहे हैं।
बाबा उमाकांत जी महाराज (Umakant Ji Maharaj) उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गाँव के नशामुक्त, शाकाहारी परिवार में जन्म हुआ। बाल्यावस्था से ही आध्यात्मिक रुचि के कारण पढ़ाई पूर्ण होते ही सन् 1973 में खिंचकर बाबा जयगुरुदेव के पास पहुँचे। नामदान (दीक्षा) लिया और बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आदेशानुसार सेवा, भजन कार्य में लग गए।
* जयगुरुदेव *
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