सतगुरु शान्ति वाले तुमको Sataguru Shaanti Vaale Tumako

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शंका पर विश्वास नहीं समाधान करना चाहिए।
Sataguru Shaanti Vaale Tumako Lyrics in Hindi

Jaigurudev Bhajan | सतगुरु शान्ति वाले तुमको लाखों प्रणाम

सतगुरु शान्ति वाले तुमको लाखों प्रणाम,
भक्तों के रखवाले तुमको लाखों प्रमाण ।।१।।

सुत प्यारा परिवार है जितने, सबका प्रेम बतौर है सपने।
अन्त समय कोऊ नहीं अपने।
भव पार लगाने वाले, तुमको लाखों प्रणाम-,
भक्तों के रखवाले, तुमको लाखों प्रणाम ।।२।।

वेद वेदान्त पुराण बताये, सदाचार सतसंग गहाये।
ध्यान योग का भेद सिखाये।
ज्योति जगाने वाले, तुमको लाखों प्रणाम-
भक्तो के रखवाले तुमको लाखो प्रणाम ।।३।।

भक्तों पर हैं तुम्हरे लोचन, संकट टारन शोक विमोचन।
गुरू तुमही पापों के मोचन।।
शब्द भेद बताने वाले, तुमको लाखों प्रणाम-
भक्तों के रखवाले, तुमको लाखों प्रणाम ।।४।।

दीनों की विनती सुन लीजै, किंकर जान के किरपा कीजै।
दर्शन अपना हरदम दीजै,
यम त्रास मिटाने वाले, तुमको लाखों प्रणाम-,
भक्तों के रखवाले, तुमको लाखों प्रणाम ।।५।।

Jaigurudev Bhajan | Sataguru Shaanti Vaale Tumako lyrics

Sataguru shaanti vaale tumako laakhon pranaam,
bhakton ke rakhavaale tumako laakhon pramaan ..1..

Sut pyaara parivaar hai jitane, sabaka prem bataur hai sapane.
ant samay kovu nahin apane.
bhav paar lagaane vaale, tumako laakhon pranaam-,
bhakton ke rakhavaale, tumako laakhon pranaam ..2..

Ved vedaant puraan bataaye, sadaachaar satasang gahaaye.
dhyaan yog ka bhed sikhaaye.
jyoti jagaane vaale, tumako laakhon pranaam-
bhakto ke rakhavaale tumako laakho pranaam ..3..

Bhakton par hain tumhare lochan, sankat taaran shok vimochan.
guroo tumahee paapon ke mochan..
shabd bhed bataane vaale, tumako laakhon pranaam-
bhakton ke rakhavaale, tumako laakhon pranaam ..4..

Deenon kee vinatee sun leejai, kinkar jaan ke kirapa keejai.
darshan apana haradam deejai,
yam traas mitaane vaale, tumako laakhon pranaam-,
bhakton ke rakhavaale, tumako laakhon pranaam ..5..

बाबा जयगुरुदेव का संक्षिप्त परिचय | Baba Jaigurudev, Ujjain

Jaigurudev Bhajan

बाबा जयगुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध संत स्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ था। बाबा जयगुरुदेव सात साल की उम्र में सत्य की खोज में निकल पड़े। 

कई वर्षों तक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में सच्चे गुरु, भगवांन की खोज करते हुए अलीगढ़ के चिरौली गांव (इगलास तहसील) पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात संत घूरेलाल जी शर्मा (दादा गुरु) से हुई और उन्होंने जीवन भर के लिए उन्हें अपना गुरु मान लिया।

बाबा जय गुरुदेव आजादी से पहले वे अलीगढ़ में अपने गुरु घूरेलाल शर्मा से दीक्षा लेने के बाद वे पहली बार 10 जुलाई 1952 को वाराणसी में प्रवचन देने के लिए समाज के सामने उपस्थित हुए। अपने गुरु से दीक्षा प्राप्त करने बाद, बाबा जयगुरुदेव करीब आधे दशक तक प्रवचन के माध्यम से लोगों को सत्य की राह पर चलने के लिए जगाये। 

दुनिया भर को शाकाहारी जीवन जीने का संदेश देने वाले बाबा जय गुरुदेव जीवन भर समाजसेवा में लगे रहे। उन्होंने ग़रीब तबके के लिए निशुल्क शिक्षण संस्थाएं व अस्पताल शुरू किए। बाबा ने अपने जीवनकाल में निशुल्क शिक्षा-चिकित्सा, दहेज रहित सामूहिक विवाह, आध्यात्मिक साधना, मद्यपान निषेध, शाकाहारी भोजन तथा वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया। 

सभी शाकाहारी जीवन अपनाएं यही बाबा जय गुरुदेव की अपील है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, जीवों की हत्या बंद हो और लोग शाकाहारी बने, इन सब सन्देश को देश के कोने कोने तक पहुँचाया गया।

बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया। उनके जाने के बाद, बाबा उमाकांत जी महाराज आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बने और जयगुरुदेव मिशन को आगे ले जा रहे हैं।

बाबा उमाकांत जी महाराज (Umakant Ji Maharaj) उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गाँव के नशामुक्त, शाकाहारी परिवार में जन्म हुआ। बाल्यावस्था से ही आध्यात्मिक रुचि के कारण पढ़ाई पूर्ण होते ही सन् 1973 में खिंचकर बाबा जयगुरुदेव के पास पहुँचे। नामदान (दीक्षा) लिया और बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आदेशानुसार सेवा, भजन कार्य में लग गए। 

* जयगुरुदेव *

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